पटना 
बिहार के पटना में एनएचएआई के बैंक खाते से निजी फर्म व अन्य खातों में आरटीजीएस के जरिये ट्रांसफर किये गये 28 करोड़ के मामले में दोषियों के खिलाफ शिकंजा कसना शुरू कर दिया गया है। कोटक महिंद्रा ग्रुप की विभागीय जांच में रुपए की अवैध रूप से की गई निकासी में संलिप्तता पाये जाने पर बोरिंग रोड स्थित महिंद्रा कोटक के शाखा प्रबंधक सुमित कुमार को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। साथ ही बैंक मैनेजर के खिलाफ मिले सबूतों को बैंक प्रशासन ने मामले की जांच कर रही गांधी मैदान थाने की पुलिस को सौंप दिया है। मैनेजर को बर्खास्त किये जाने की लिखित रूप से पुष्टि कोटक महिंद्रा ग्रुप के प्रधान संप्रेषण अधिकारी रोहित राव ने की है।

कई और कर्मी जांच के घेरे में
रोहित राव ने बताया है कि दो जनवरी को बैंक की पटना शाखा से अनधिकृत आरटीजीएस ट्रांजेक्शन को रोका गया था। इसके साथ ही फर्जी आरटीजीएस पत्र लेकर गांधी मैदान के एग्जीबिशन रोड शाखा में आये जालसाज शुभम गुप्ता को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया गया था। उसके खिलाफ गांधी मैदान थाने में प्राथमिकी भी दर्ज करायी गयी है। इस मामले के सामने आने के बाद अपनी शाखा की आंतरिक जांच करायी गयी, जिसमें बैंक कर्मी सुमित कुमार की संलिप्तता इस धोखाधड़ी में पायी गई। उन्हें पुलिस के हवाले करते नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। आगे जांच में जिस किसी कर्मी की संलिप्तता पायी जाएगी, उसके खिलाफ भी विभागीय और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

Source : Agency